इराक़ ने सऊदी अरब में आयोजित फ़ार्स खाड़ी सहयोग परिषद और अरब संघ की आपात बैठक में जारी किए गए अंतिम बयान का विरोध किया है, जिसमें मध्यपूर्व के देशों में ईरान के हस्तक्षेप की निंदा की गई थी।
यह बयान मक्का में आयोजित फ़ार्स खाड़ी सहयोग परिषद और अरब संघ के सम्मेलनों के बाद जारी किया गया, दोनों बयानों में तेहरान के मुक़ाबले में सऊदी अरब और यूएई के रक्षा अधिकारों पर बल दिया गया है।
इस बयान में यूएई में ऑयल टैंकरों पर हुए हालिया हमले पर विशेष रूप से चिंता जताई गई है।
सऊदी और इमाराती अधिकारियों ने इस संदिग्ध हमले का आरोप ईरान पर मढ़ दिया है, जबकि ईरान ने इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है।
इराक़ी राष्ट्रपति बरहम सालेह ने क्षेत्रीय देशों से मांग की है कि वे उनके देश में शांति की स्थापना में समर्थन करें।
उन्होंने यह भी कहा है कि ईरान के साथ तनाव में वृद्धि युद्ध का कारण बन सकती है। उन्होंने आशा जताई कि ईरान की सुरक्षा को निशाना नहीं बनाया जाएगा।