इस्लामाबाद। जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सेहत का परीक्षण करने वाले एक मेडिकल बोर्ड ने उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने की सिफारिश की है लेकिन पीएमएल – एन नेता ने जेल में ही चिकित्सा सुविधाएं देने का आग्रह किया है।
इससे पहले पाकिस्तानी मीडिया में खबरें आई थी कि शरीफ का गुर्दा खराब होने की कगार पर है। शरीफ (68) और उनकी बेटी मरियम (44) रावलपिंडी की अडियाला जेल में क्रमश : 10 और 7 वर्ष की जेल की सजा काट रहे हैं।
लंदन में 4 आलीशान फ्लैटों की मिल्कियत से जुड़े मामले में एक जवाबदेही अदालत ने 6 जुलाई को उन्हें भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया था। सूत्रों ने बताया कि सेहत संबंधी जटिलताओं के बाद जेल में ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ नदीम मलिक , चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ शाजी सिद्दीकी , न्यूरोलॉजिस्ट डॉ सुहैल तनवीर और डॉ मशूद की टीम ने शरीफ की सेहत का परीक्षण किया , ताकि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने पर फैसला किया जा सके। शरीफ को दिल की बीमारी के साथ ही उच्च रक्तचाप और मधुमेह है।
लंदन में 2016 में उनकी ओपन हार्ट सर्जरी की जा चुकी है। पारिवारिक सूत्रों के हवाले से उर्दू दैनिक ‘जंग’ ने कहा कि मेडिकल बोर्ड ने शरीफ को फौरन अस्पताल में दाखिल कराने की सिफारिश की है लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री ने सभी जरूरी चिकित्सा सुविधाएं जेल में ही मुहैया कराए जाने का आग्रह किया है। इस बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन भी शरीफ की सेहत पर फिक्रमंद दिखे और सरकार से उनका इलाज सुनिश्चित करने को कहा।
राष्ट्रपति भवन से जारी बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नसीर उल मुल्क को फोन कर राष्ट्रपति ने शरीफ की सेहत पर चिंता व्यक्त की और उनसे पूर्व प्रधानमंत्री का पूरा इलाज सुनिश्चित करने को कहा। शरीफ का परिवार और पार्टी ने भी उनकी सेहत को लेकर आई रिपोर्टों पर चिंता जाहिर की। उनके छोटे भाई और पीएमएल-एन के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने कहा कि वह पंजाब सरकार को पत्र लिखकर पहले ही जेल की खराब स्थिति का मसला उठा चुके हैं और पूर्व प्रधानमंत्री के लिए सुविधाओं के प्रावधान को भी कह चुके हैं।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर दी है कि , मुख्य कार्यकारी मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डॉक्टर अजहर महमूद कयानी की अध्यक्षता में रावलपिंडी के इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी (आरआईसी) के चिकित्सकों की एक टीम जेल गई थी और पूर्व प्रधानमंत्री की विस्तार से मेडिकल जांच करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की थी। शरीफ के निजी फिजिशियन डॉ अदनान ने हाल के दिनों में दो बार उनकी सेहत का जायजा लिया था, लेकिन जेल प्रशासन ने इस बारे में आश्वस्त होने के लिए आरआईसी से डॉक्टरों को बुलाया।
उनकी स्थिति की जांच के लिए टीम ने करीब डेढ़ घंटे का समय लिया। चिकित्सीय टीम के अनुसार उनके शरीर में पानी की मात्रा बहुत कम हो गई है जिससे उनकी धडक़न सही ढंग से नहीं चल रही। उनके खून में यूरिया का स्तर बहुत बढ़ गया है जिससे उनका गुर्दा काम करना बंद कर सकता है।
बोर्ड की रिपोर्ट कहती है कि शरीफ को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए। शरीफ ने शनिवार को अपनी खराब तबीयत को लेकर शिकायत की थी। पंजाब कारागार के सूत्रों ने डेली एक्सप्रेस को बताया कि वे शरीफ को अस्पताल में भर्ती कराए जाने को लेकर पंजाब के गृह मंत्रालय के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रांत की अस्थायी सरकार के मंत्री शौकत जावेद और अहमद वकास रियाज ने पुष्टि की कि शरीफ के चिकित्सा परीक्षणों से पता चलता है कि उनके गुर्दे में दिक्कत है।
अस्थायी सरकार जेल प्रशासन के संपर्क में हैं और शरीफ को बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं दी जा रही हैं। इस बीच, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के बैरिस्टर जफरूल्ला खान ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर शरीफ और उनकी बेटी मरियम एवं दामाद मोहम्मद सफदर के घरों को उपजेल घोषित करने की मांग की है।