इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने परमाणु समझौते के बारे में अमरीका से यूरोपीय देशों के विचार विमर्श और परमाणु समझौते में बाक़ी रहने के लिए इस वाइट हाऊस को तैयार करने के प्रयास के दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा कि जेसीपीओए में न एक शब्द बढ़ेगा और न ही कम होगा।
राष्ट्रपति हसन रूहानी ने उत्तर पश्चिमी ईरान के शहर तबरेज़ में एक समारोह में कहा कि यदि यूरोपीय यह चाहते हैं कि वह ट्रम्प को बाक़ी रख सकते हैं तो उन्हें इसका ख़र्चा ख़ुद ही उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यूरोप अगर यह चाहता है कि अमरीकी राष्ट्रपति को परमाणु समझौते में बाक़ी रखने के लिए राज़ी करे तो उसकी क़ीमत स्वयं यूरोप को ही चुकानी होगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जेसीपीओए के संबन्ध में अमरीका तथा यूरोप के बीच परमाणु समझौते के बारे में चर्चा का ईरान से कोई संबन्ध नहीं है। राष्ट्रपति रूहानी ने पश्चिमी देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ईरान के हितों की पूर्ति नहीं हुई तो फिर कोई समझौता बाक़ी नहीं रहेगा।
हसन रूहानी का कहना था कि अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प को जान लेना चाहिए कि जेसीपीओए के टूटने की स्थिति में ईरान, बहुत तेज़ी से अपनी शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियां आरंभ कर देगा। उन्होंने कहा कि जेसीपीओए में किसी भी प्रकार का परिवर्तन स्वीकार्य नहीं है।
बहरहाल ईरानी अधिकारियों ने बारंबार बल दिया है कि ईरान, मीज़ाइल क्षमताओं और अपनी क्षेत्रीय शक्ति के बारे मे कोई वार्ता नहीं करेगा और जेसीपीओ के बारे में अमरीका के हर ड्रामे का मुंहतोड़ उत्तर दिया जाएगा।