नई दिल्ली : अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार किया है. साथ ही आज सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी को बड़ा झटका लगा है. Supreme court
कोर्ट ने सुब्रह्मण्यम स्वामी से सीधे पूछा कि आप इस मामले में पार्टी नहीं हैं तो फिर आप अदालत के बीच में किस अधिकार से आ रहे हैं?
यहां यह बताते चलें कि स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगा कर अयोध्या विवाद के जल्द निपटारे की मांग की थी.
आज इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि मामले के पक्षकारों को और वक्त देने की जरूरत है और कोर्ट ने मामले की जल्द सुनवाई से इंकार कर दिया.
अदालत से झटका लगने के बाद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अपनी बात कहने के लिए सोशल मीडिया साइट टविटर का सहारा लिया.
स्वामी ने इस मामले पर दो टवीट्स किए और कहा कि जो लोग अदालत में मामले को लटकाना चाह रहे थे उन्हें कामयाबी मिली है और वो राम मंदिर बनवाने के लिए दूसरे रास्ते अपनाएंगे.
अपने पहले टवीट में स्वामी ने लिखा, ‘आज अदालत में जज ने मुझसे पूछा कि क्या मैं इस मामले में पार्टी हूं तो मैंने कहा कि पूजा करने के अपने मौलिक अधिकार के तहत यह कह रहा हूं.’
अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘जजों ने कहा कि उनके पास वक्त नहीं है और मामले को बंद कर दिया. दूसरे शब्दों में कहूं तो जो इस मामले को अदालत में लटकाना चाह रहे थे, सफल हुए. मैं दूसरे रास्ते अपनाउंगा.’
सुब्रह्मण्यम स्वामी किन दूसरे रास्तों को अपनाने की बात कर रहे हैं वो अभी साफ नहीं है. कानूनी जानकारों के मुताबिक जबतक मामला अदालत में है तब तक इसको निपटाने वाले दूसरे रास्ते बहुत कम हैं.