लखनऊ : उत्तर प्रदेश में जारी विधानसभा चुनाव के दौरान सभी सियासी पार्टियां वोटों के ध्रुवीकरण के लिए लगातार बयान दे रही है। Bsp
पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा चुनावी रैली में श्मशान घाट वाले बयान पर विरोधी लगातार निशाना साधा रहे हैं।
मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी ने गलत बयान दिया है।
पिछले 3-4 दिनों से वह अपने भाषण में जाति और धर्म का एंगल ला रहे हैं। पहले इन्हें अपने बीजेपी शासित राज्यों में हर गांव में हिंदुओं के श्मशान घाट बनवाने चाहिए, फिर यूपी में ये बात करनी चाहिए। बीजेपी को इस बात का एहसास हो गया है कि वह उत्तर प्रदेश में सरकार नहीं बनाने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बीएसपी ने अपने शासनकाल में हर धर्म का सम्मान किया है, चाहे वो त्योहार के दौरान बिजली देने का मामला हो या कानून-व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा हो।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को फतेहपुर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार को भेदभाव से मुक्त होकर शासन करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गांव में कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए। रमजान में बिजली मिलती है तो दीवाली में भी मिलनी चाहिए। होली में बिजली मिलती है तो ईद पर भी मिलनी चाहिए।
कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। सरकार का काम है भेदभाव मुक्त शासन चलाने का। किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए … धर्म और जाति के आधार पर बिल्कुल नहीं।’
पीएम मोदी के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी उनकी आलोचना हुई थी। लोगों ने लिखा था कि सांप्रदायिक राजनीति में उनकी घर वापसी है।