इस्तांबुल। जुलाई में तख्तापलट की नाकाम कोशिश के मामले में तुर्की सरकार ने 10 हजार से ज्यादा प्रशासनिक अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। इसके अलावा 15 मीडिया संस्थानों पर भी ताला लगाने के आदेश दिए हैं। तुर्की सरकार ने अपनी जांच में ये पाया कि बर्खास्त अधिकारी और मीडिया संस्थान अमेरिका समर्थित धर्मगुरु फतुल्ला गुलेन को समर्थन देते थे। इससे पहले तुर्की सरकार पहले भी एक लाख से ज्यादा कर्मचारियों को या तो निलंबित या बर्खास्त कर चुकी है। turkey sacks # turkey sacks , turkey sacks
नाकाम तख्तापलट मामले में 37 हजार से ज्यादा लोग जेल में बंद हैं। राष्ट्रपति अरडोगान ने कहा कि फतह गुलेन से किसी भी तरह के संबंध रखने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। तुर्की की संप्रभुता की रक्षा के लिए ऐसे तत्वों के खिलाफ अभियान चलाना बेहद ही जरूरी है। लेकिन विपक्ष का कहना है कि जिस तरह से सरकार कार्रवाई कर रही है वो अपने आप में तख्तापलट से कम नहीं है। इस तरह की कार्रवाई से सरकारी तंत्र शिथिल पड़ चुका है। लोगों को बुनियादी दिक्कतों के साथ साथ असुरक्षा का भी ऐहसास हो रहा है।
मुख्य विपक्षी दल रिपब्लिकन पीपल्स पार्टी के सांसद सीन तानरीकुलु ने कहा कि राष्ट्रपति अरडोगान खुद तानाशाह बनते जा रहे हैं। तख्तापलट के लिए जिम्मेदार लोगों की आड़ में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है।तुर्की की एक अदालत ने कुर्दिश बहुल राज्य डियारबाकिर के मेयर फिरत अनली को आतंकी संगठनों से मेलजोल के आरोप में गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। अभियोजन पक्ष ने फिरत के अलावा एक और मेयर गुल्तान किसानाक की भी गिरफ्तारी की मांग की है।
तुर्की का दक्षिण पूर्व इलाका कुर्दिश वर्कर पार्टी और तुर्की सरकार के बीच जंग के अखाड़े में तब्दील हो चुका है। 2014 में कुर्दिश वर्कर पार्टी और तुर्की सरकार के बीच सीजफायर पर समझौता हुआ था, हालांकि व्यवहारिक तौर पर इसका कभी पालन नहीं हुआ। डियारबाकिर की पहली महिला मेयर गुल्तान किसानाक स्वायत्ता की मांग करती रही हैं। लेकिन तुर्की सरकार का आरोप है कि वो आतंकी संगठनों के साथ मिलकर राज्य की व्यवस्था को खत्म करना चाहती हैं।
तुर्की में तख्तापलट की नाकाम कोशिश के बाद सरकार ने आपातकाल की घोषणा की थी, जिसे जनवरी के मध्य तक दोबारा बढ़ा दिया गया। राष्ट्रपति अरडोगान का कहना है कि गुलेन के नेटवर्क को खत्म कर 32 साल से जारी अराजक हालात से तुर्की को मुक्त कराना है। तुर्की ने अमेरिका से गुलेन को सौंपने की मांग की है ताकि वो तख्ता पलट मामले में उसे सजा दे सके। गुलेन 1999 से अमेरिका के पेंसिलवैनिया में रह रहा है। हालांकि तख्तापलट में अपनी किसी भूमिका से गुलेन हमेशा इनकार करता है।