रांची। सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने पाकुड़ जिले में बीजेपी युवा मोर्चा के कथित कार्यकर्ताओं द्वारा मंगलवार को उनपर किए गए हमले की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग करते हुए कहा कि वह ऐसे हमलों से नहीं डरेंगे। पाकुड़ की घटना के बाद पुलिस सुरक्षा में यहां पहुंचे अग्निवेश ने घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय और झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के साथ संवाददाता सम्मेलन कर अग्निवेश ने कहा कि उन्होंने स्वयं मुख्यमंत्री को अपने कार्यक्रम की जानकारी देकर उनसे मिलने का समय मांगा था। ऐसे में उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पाकुड़ जिला प्रशासन की थी। मंगलवार की घटना से रुष्ट अग्निवेश ने कहा कि मैं ऐसी ताकतों से डरने वाला नहीं हूं।
बुलावा मिलने पर फिर से लिट्टपाड़ा जाउंगा। उन्होंने कहा कि फासीवाद के खिलाफ हमें एकजुट होना होगा। लोकतंत्र को बचाने के लिए सबको एक साथ आना होगा। गरीबों, आदिवासियों के साथ खड़े रहने, बंधुआ मजदूरों के हक में लड़ते रहने और अंधविश्वास के खिलाफ जनजागरण जारी रखने की बात दोहरात हुए उन्होंने कहा कि वह कल प्रदर्शन करने वाले लोगों के साथ बातचीत करने को तैयार थे लेकिन उन्हें पीटा गया यह क्या तरीका है?
गौरतलब है कि झारखंड की राजधानी रांची से लगभग चार सौ किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती पाकुड़ जिले में कथित तौर पर भाजपा, भारतीय जनता युवा मोर्चा एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सौ से अधिक कार्यकर्ताओं ने कल सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के साथ मारपीट की और उनके कपड़े फाड़ दिए थे।
वे लिट्टीपाड़ा में एक कार्यक्रम में शामिल होने पाकुड़ गए थे जहां कथित तौर पर उन्होंने गोमांस खाने का समर्थन किया था जिससे लोग उनके खिलाफ भडक़ गए थे। बाद में राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए थे जिसके बाद इस मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई थी।