लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने होटल ताज में आज समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। मायावती ने इस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में ही इसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की नींद उड़ाने वाला बताया।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में माहौल बेहद भयावह है। भाजपा ने यूपी में ऐसा माहौल बना दिया है कि अस्पतालों में इलाज, थानों में रिपोर्ट लिखने से पहले जाति पूछी जा रही है। भाजपा के अहंकार को समाप्त करने को बसपा व सपा का मिलना जरुरी था। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में माहौल बेहद भयावह है। भाजपा ने यूपी में ऐसा माहौल बना दिया है कि अस्पतालों में इलाज, थानों में रिपोर्ट लिखने से पहले जाति पूछी जा रही है।
भाजपा के अहंकार को समाप्त करने को बसपा व सपा का मिलना जरूरी था। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के हर कार्यकर्ता से कहा कि वह लोग बसपा अध्यक्ष मायावती का सम्मान करें। इतना ही नहीं अगर कोई भी इनके सम्मान में कुछ कहता है तो खुलकर विरोध करें।
आप लोग यह समझें कि यह बहन मायावती का नहीं मेरा अपमान है। बसपा अध्यक्ष मायावती का पीएम पद पर नाम समर्थन के सवाल पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने देश को कई प्रधानमंत्री दिए हैं। अगर फिर से उत्तर प्रदेश, देश को प्रधानमंत्री देता है तो हम इसका स्वागत करेंगे।
मायावती ने कहा कि जनहित को लखनऊ गेस्ट हाउस कांड से ऊपर रखते हुए हमने गठबंधन करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हम लोग मिलकर जनविरोधी भारतीय जनता पार्टी को हर हाल में सत्ता में आने से रोकेंगे। सांप्रदायिक और जातिवादी माहौल को देखते हुए फैसला लिया। मायावती ने कहा कि भाजपा के राज में अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति है। कांग्रेस और भाजपा एक जैसी ही हैं। इसी कारण कांग्रेस से गठबंधन का कोई फायदा नहीं है। बसपा तथा सपा ही भाजपा को हराने के लिए पर्याप्त हैं। हम लोग उत्तर प्रदेश में 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। दिल्ली में 4 जनवरी को ही गठबंधन पर फैसला हुआ था। मायावती ने कहा कि बसपा और समाजवादी पार्टी का गठबंधन 2019 लोकसभा के बाद भी जारी रहेगा, उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बसपा और समाजवादी पार्टी गठबंधन के रूप में चुनाव लड़ेगी। अब यह गठबंधन बहुत लम्बा चलेगा।
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि कांग्रेस मे घोषित इमरजेंसी थी, भाजपा मे अधोषित इमरजेंसी है। काग्रेस से गठबंधन करने का कोई फायदा नही होता। काग्रेस से गठबंधन करने से कांग्रेस को तो फायदा होता है लेकिन बसपा को फायदा नही होता है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन का ऐलान किया गया। इससे पहले अखिलेश यादव ने बीते शुक्रवार को नई दिल्ली में मायावती के आवास पर आकर मुलाकात की थी। सपा और बसपा 38-38 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करेंगे। इसके साथ दो सीट पर राष्ट्रीय लोकदल का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा। गठबंधन के तहत राहुल गांधी के लिए अमेठी और सोनिया गांधी के लिए रायबरेली सीट छोड़ी जाएगी। अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल की सीट पर भी गठबंधन प्रत्याशी नहीं उतारेगा। ओमप्रकाश राजभर के सुहेलदेव पार्टी के लिए भी एक सीट छोड़ी जाएगी। मुलायम सिंह यादव इस ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हैं।