सऊदी अरब के विदेश मंत्री आदिल अलजुबैर का कहना है कि वरिष्ठ पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी हत्याकांड की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जांच की मांग रियाज़ सरकार को अस्वीकार है।
तसनीम समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार रियाज़ में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सऊदी अरब के विदेश मंत्री आदिल अलजुबैर का कहना था कि वरिष्ठ पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी हत्या एक अत्यंत भयानक अपराध है और घरेलू स्तर पर उसकी घहन जांच की जा रही है।
उनका कहना था कि ख़ाशुक़जी हत्याकांड की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जांच की मांग किया जाना सही नहीं है और सऊदी सरकार कभी इसको स्वीकार नहीं करेगी। आदिल अलजुबैर ने पत्रकारों के संबोधित करते हुए कहा कि ख़ाशुक़जी हत्याकांड की जांच के मामले में सऊदी अरब ने विश्व स्तर पर प्रतिबंधों से बचने के लिए सभी तरह की तैयारी कर ली है और इस मामले का राजनीतिकरण और सऊदी अरब के आंतरिक मामले में किसी के हस्ताक्षेप को सहन नहीं किया जाएगा।
दूसरी ओर तुर्की के विदेश मंत्री का कहना है कि जमाल ख़ाशुक़जी हत्याकांड मामले में सऊदी अभियोजक के बयान से अंकारा सरकार संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सऊदी अभियोजक ने पहले कहा था जमाल ख़ाशुक़जी को स्वदेश वापस लाने के लिए सऊदी टीम भेजी गई थी। जबकि जो लोग तुर्की आए थे उनके द्वारा लाए गए घातक हथियारों से यह सिद्ध होता है कि रियाज़ सरकार द्वारा तुर्की भेजे गए लोग जमाल ख़ाशुक़जी को लेने नहीं बल्कि उनकी हत्या करने आए थे। तुर्क विदेश मंत्री ने एक बार फिर मांग की कि जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या में लिप्त 15 सदस्यीय सऊदी टीम पर तुर्की में केस चलना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने अक्तूबर की 2 तारीख़ को तुर्की के शहर इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में प्रवेश करने के बाद वरिष्ठ पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी लापता हो गए थे और फिर वह सऊदी दूतावास से बाहर नहीं आए जिसकी ख़बर आग की तरह पूरी दुनिया में फैल गई थी। इस बीच एक दिल दहला देने वाली सूचना सऊदी दूतावास से बाहर आई, पता चला कि आले सऊद शासन की आलोचना करने वाले वरिष्ठ सऊदी पत्रकार की बड़े ही निर्मम तरीक़े से मार दिया गया है। तुर्की के अधिकारियों का कहना है कि ख़ाशुक़जी के शरीर के ऐसी स्थिति में टुकड़े-टुकड़े किए गए थे कि जब वे जीवित थे और उसके बाद उनके शरीर को एसिड डालकर जला दिया गया।
इस बीच राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि आले सऊद अपने किए पर बहुत अधिक पछता रहा है और इससे बचने के लिए अलग-अलग तरीक़े अपना रहा है और अगर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस हत्याकांड की जांच होती है तो रियाज़ सरकार की परेशानियां बढ़ जाएंगी इसीलिए सऊदी अरब ऐसे सभी हथकंड़े अपना रहा है जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जांच किए जाने की उठ रही मांगों को दबा सके। )