कोलकाता। मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद जहां बैंकों में पुराने Rs 500 और Rs 1000 रुपए के नोटों को बदलवाने और खाते में जमा करने के लिए लोगों की लंबी लंबी लाइनें लग रही है, वहीं देश में एक जगह ऐसी भी जहां इन नोटों के बदले में आपको ज्यादा कीमत मिल रही है। कोलकाता के ट्रेडिंग हब बुर्रा बाजार की गलियों में इन नोटों की ऊंची कीमत मिल रही है। पुराने 500 रुपए के नोट की जगह 550 रुपए और 1000 रुपए के नोट की जगह 1,100 रुपए मिल रहे हैं। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद से लगातार खबरें आ रही है कुछ लोग कमीशन लेकर नोटों को बदलने का काम कर रहे हैं।
खबरों के मुताबिक कुछ लोगों को एक दुकान में नए नोट लेकर बैठे हुए देखा गया। इन्हें कुछ महीने पहले भी यहीं देखा गया था, लेकिन उस वक्त ये लोग 1000 के पुराने नोटों को 800 से 850 रुपए के बीच खपा रहे थे। इन लोगों का अचानक पलटना आम आदमी के समझ से परे लेकिन, जो लोग इस खेल को समझते हैं उनका कहना है कि यह पूरा खेल शैल कंपनियों ने रचा है, जिन्हें बैलेंस शीट में दर्शाने के लिए ‘कैश इन हैंड’ की जरुरत है।
बैलेंस शीट में ‘कैश इन हैंड’ वो पैसा होता है जो कि कंपनी के पास नोट या सिक्के के रूप में होता है। आम आदमी की भाषा में समझने की कोशिश करे तो कैश इन हैंड वो रकन होती है जिसे कंपनी छोटे मोटे खर्च के लिए अपनी पास रखती है लेकिन, उन्हें इसे बैंक में जमा नहीं कराना होता है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि इन पैसों को चेस्ट या ड्रॉअर में नहीं रखा होता है।
8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद शहर के कारोबारियों ने नोट बदलवाने या फिर बैंक में जमा कराने के लिए हर तरीका अपनाया है। पिछली तिमाही में इनके पास कैश इन हैंड बहुत कम था। वहीं, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास ऐसे कुछ कंपनियों के मामले सामने आए हैं जिन्होंने अपनी बैलेंस शीट में कैश इन हैंड ज्यादा दिखाया है, लेकिन हकीकत में उनके पास कैश इन हैंड बहुत कम था। अगर इन कंपनियों ने बहुत लंबे समय से कैश इन हैंड की रकम बहुत लंबे समय से दिखाया है तो इसका मतलब है कि उनके पास Rs 500 और Rs 1000 रुपए के पुराने नोट बहुत अधिक मात्रा में होंगे। लेकिन आरबीआई के नियमों के मुताबिक इन नोटों को 30 दिसंबर तक बैंकों में जमा कराना होगा। इसी के चलते पुराने नोटों की मांग इतनी ज्यादा बढ़ गई है।