नई दिल्ली। बॉलीवुड की मशहूर आइटम गर्ल राखी सावंत पहली बार किसी फिल्म में लीड रोल में नजर आने वाली हैं। इस फिल्म का है ‘एक कहानी जूली की’। लेकिन ये फिल्म रिलीज हो, उससे पहले ही विवादों का धुआं उठने लगा है। राखी सावंत ने सेंसर बोर्ड पर उनकी फिल्म को ए सर्टिफिकेट दिए जाने पर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा-‘मैं सनी लियोन की तरह पोर्न स्टार नहीं।’ हालांकि सेंसर बोर्ड की सदस्य बीना अग्रवाल का दावा है कि राखी के आरोप न केवल गलत हैं। rakhi sawant
बल्कि ये राखी सावंत रुपहले पर्दे से दुनिया पर छाने का अरमान लेकर राखी सावंत ने जब बॉलीवुड में कदम रखा तो उनकी पहचान बमुश्किल आइटम गर्ल की बन पाई। इससे ज्यादा विवाद तो राखी ने अपने बयानों और दूसरी गतिविधियों से खड़ा किया। लेकिन डांस को लेकर उनका जुनून और कुछ कर दिखाने के जज्बे से राखी को एक फिल्म में बतौर मुख्य अभिनेत्री काम मिल ही गया। ये फिल्म है एक कहानी जूली की जो 9 सितंबर को बॉक्स ऑफिस पर दस्तक देने वाली है लेकिन फिल्म देशभर के थिएटरों में पहुंचे, उससे पहले इस फिल्म से जुड़ा विवाद आ धमका है। आरोप है कि फिल्म को जानबूझ कर ए सर्टिफिकेट दिया गया।प्रचार पाने के लिए लगाए गए हैं।
सेंसर बोर्ड के इस रवैये से पूरी फिल्म यूनिट को धक्का लगा। जाहिर है, राखी सांवत के गुस्से की भी यही वजह है राखी सावंत का आरोप है कि चूंकि फिल्म में मुख्य किरदार में वो नजर आने वाली हैं, इसलिए ये भेदभाव किया जा रहा है। इस पूरे मामले में जिस तरह विवाद खड़ा किया जा रहा है कुछ लोग उसे बनावटी और फिल्म के लिए प्रचार का हथकंडा बता रहे हैं। राखी ने इस पूरे मामले में बेवजह सनी लियोनी का नाम भी घसीटने की कोशिश की है जिससे शक होना लाजिमी है। rakhi sawant
वैसे तो फिल्म को प्रमाण पत्र देने को लेकर सेंसर बोर्ड पर सवाल पहली बार नहीं उठा है। सेंसर बोर्ड का रवैया लंबे वक्त से सवालों के घेरे में रहा है जब से पहलाज निहलानी बोर्ड के चेयरमैन बने, ऐसे विवाद कुछ ज्यादा ही उठने लगे लेकिन जब राखी से जुड़ा कोई विवाद हो तो भला उससे पार पाना सबके वश की नहीं। सो, इस बार भी राखी फुल फॉर्म में है। राखी ने कहा कि वे इस विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखेंगी और वो निहलानी को पद से हटाने की मांग करने लगी हैं। फिल्म के निर्माता-निर्देशक भी इस मुद्दे को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं। जल्द ही साफ हो जाएगा ये प्रचार का हथकंडा है या सेंसर बोर्ड
का अत्याचार।