केरल के कोझिकोड जिले में निफा वायरस के कारण 6 लोगों की मौत हो गई है। जिल क्लेक्टर ने इन मौतों की पुष्टि की है। वहीं केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलाजा ने बताया कि ‘स्वास्थ्य विभाग ने सभी सावधानी बरतने के निर्देश जारी कर दिए हैं। यह वायरस शरीर के सीधे स्पर्श या संपर्क के माध्यम से फैल रहा है।’
केंद्रीय टीम करेगी राज्य का दौरा
केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने रविवार को राज्य सरकार की सहायता के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक को निर्देश दिया।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद स्थिति की निगरानी के लिए एक केंद्रीय टीम राज्य का दौरा करेगी। नड्डा ने एक ट्वीट में कहा, “स्वास्थ्य सचिव के साथ केरल में निफा वायरस से जुड़ी मौतों की स्थिति की समीक्षा की है। मैंने निदेशक एनसीडीसी को जिले का दौरा करने और प्रोटोकॉल के तहत राज्य सरकार से परामर्श कर बीमारी की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है।”
तेज बुखार के बाद कालीकट जिले में नौ लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की कि मृतक नौ लोगों में से दो निफा वायरस से संक्रमित थे। अन्य मृतकों के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। जिला कलेक्टर यू वी जोस ने एक टास्क फोर्स का गठन किया है।
निफा वायरस (एनआईवी) संक्रमण के लक्षण
चमगादड़
चमगादड़
ये लक्षण 24-48 घंटों में मरीज को कोमा में पहुंचा सकते हैं। इंफेक्शन के शुरुआती दौर में सांस लेने में समस्या होती है जबकि आधे मरीजों में न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी होती हैं।
साल 1998-99 में जब ये बीमारी फैली थी तो इस वायरस की चपेट में 265 लोग आए थे। अस्पतालों में भर्ती हुए इनमें से क़रीब 40% मरीज़ ऐसे थे जिन्हें गंभीर नर्वस बीमारी हुई थी और ये बच नहीं पाए थे।
आम तौर पर ये वायरस इंसानों में इंफेक्शन की चपेट में आने वाली चमगादड़ों, सूअरों या फिर दूसरे इंसानों से फैलता है।
मलेशिया और सिंगापुर में इसके सूअरों के जरिए फैलने की जानकारी मिली थी जबकि भारत और बांग्लादेश में इंसान से इंसान का संपर्क होने पर इसकी चपेट में आने का ख़तरा ज्यादा रहता है।