देश की आर्थिक स्थिति सुधर रही है। इसका असर नए जॉब के अवसर और इनकम बढऩे के रूप में दिखाई देने लगा है। इन सभी फैक्टर्स का असर शेयर बाजार पर भी होगा। निवेशकों में विश्वास बहाल होगा, जो बेहतर रिटर्न की उम्मीद के चलते सेंसेक्स को नई ऊंचाई पर ले जाएगा। हालांकि, इससे मार्केट में तेज करेक्शन भी देखने को मिल सकता है। इससे बचने के लिए छोटे निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में इक्विटी और डेट को शामिल करना सही विकल्प होगा। dynamic asset allocation fund
मासिक आधार पर फंड और सेक्टर में निवेश तेजी से बढ़ा है। यह तेजी तरलता आधारित है। भारत में आ रहे फंड से माइक्रो मार्केट में सुधार हो रहा है। हम उस समय ब्याज दरें कम कर रहे हैं, जब विश्व के अधिकतर देश ब्याज दर बढ़ा रहे हैं। परिणाम स्वरूप डेट और इक्विटी दोनों बाजार आकर्षक स्थिति में हैं। अगले दो सालों में, मेरा मानना है कि ये सभी फैक्टर्स शॉर्ट टर्म में बेहतर रिटर्न की पूरी संभावनाएं बनाएंगे। इससे प्रति शेयर आय और इक्विटी पर रिटर्न में सुधार होगा, जो बाजार के ऊपर जाने के लिए एक ट्रिगर होगा।
हमारा विश्वास है कि इक्विटी बाजार संभावित रूप से अगले दो तीन सालों में ऊपर ही जाएगा। हालांकि इसमें उतार चढ़ाव भी होगा। इसलिए हमारा सुझाव है कि छोटे निवेशक डायनेमिक असेट अलोकेशन फंड का चयन करें, जिसका उद्देश्य उतार चढ़ाव वाले बाजार में लाभ देना है। इसलिए इन दिनों रिटेल या छोटे निवेशक इस फंड पर तेजी से विश्वास कर रहे हैं। डायनेमिक एसेट अलोकेशन ऐसा फंड होता है जो बाजार की स्थितियों के अनुसार डेट इक्विटी को बदलते रहता है। यह ऐसी कैटेगरी में बदलता है जिसमें अगले तीन सालों में अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद होती है। dynamic asset allocation fund
ब्याज दरों के नीचे जाने की स्थिति में इक्विटी को छोड़कर शायद ही कोई ऐसा निवेश का माध्यम होगा, जो महंगाई को पछाड़ कर लाभ दे सके। रियल एस्टेट और सोने में रिटर्न नहीं मिलने के कारण रिटेल निवेशकों ने म्युचुअल फंड और इक्विटी की ओर जाना शुरू कर दिया है। हालांकि हमें यह समझना होगा कि हर कोई इक्विटी में सीधे निवेश नहीं कर सकता है। इसलिए अधिकतर छोटे निवेशक म्युचुअल फंड और एसआईपी के जरिए इक्विटी में आ रहे हैं, जो बहुत ही अच्छा संकेत है।
म्युचुअल फंड के जरिए इक्विटी में निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसलिए नए निवेशकों के लिए निवेश प्रक्रिया को और आसान बनाने की जरूरत है, जो अभी चल रही है। आज की जरूरत एक बेहतर सिस्टम निर्माण करने की है, जिससे कि केवाईसी प्रक्रिया सरल बनाया जाए।
निमेश शाह,
एमडी एवं सीईओ, आईसीआईसीआई प्रू एमसी
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