नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन पर सख्त रुख आख्तियार कर लिया है। उन्होंने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा, 30 सितंबर तक अघोषित संपत्ति घोषित कर दें। वरना कालाधन रखने वाले इसके बाद चैन की नींद नहीं सो पाएंगे। मोदी ने बताया कि अघोषित संपत्ति का बड़ा हिस्सा आभूषण और रियल एस्टेट क्षेत्र में लगा हुआ है।
प्रधानमंत्री शनिवार को जौहरियों के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम उन्हें सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था। मोदी ने कहा, मैं जानता हूं कि लोग धन से भरे थैले लेकर जौहरियों के पास जाते हैं। उन तक यह संदेश पहुंचना चाहिए कि वे सरकार की एक बारगी अनुपालन खिड़की का इस्तेमाल कर पाक साफ साबित हों।
आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत कालाधन रखने वाले अपनी अघोषित संपत्ति की घोषणा 30 सितंबर तक कर पाक साफ हो सकते हैं। इसके लिए उन्हें 45 प्रतिशत कर और जुर्माना चुकाना होगा। इस योजना का फायदा नहीं उठाने वालों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा। बता दें कि आयकर विभाग पैन कार्ड का उल्लेख किए बिना 90 लाख बड़े लेन-देन को पहले ही चिह्नित कर चुका है।
प्रधानमंत्री ने आम घरों और मंदिरों में पडे़ हुए सोने को बाजार में लाने की महत्वाकांक्षी योजना का जिक्र किया। उन्होंने कहा, आभूषणों का इस्तेमाल तो साल में केवल दो-चार, पांच बार ही होता है। इसलिए अच्छा हो कि अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए इसे सरकार को लोन रूप में दे दिया जाए। दुर्भाग्य से भारत में सोने को सामाजिक प्रतिष्ठा से जोड़ दिया गया है। एक अनुमान के अनुसार देश में आम घरों और मंदिरों में लगभग 20,000 टन सोना पड़ा हुआ है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को लोगों से 30 सितंबर तक अपनी अघोषित संपत्ति की घोषणा करने की अपील की। उन्होंने कहा, कर दाताओं के लिए यह अच्छा अवसर है। वह चैन की नींद सोएं और सिर उठाकर आराम की जिंदगी जिएं।
जेटली ने कहा, सरकार को पता है कि किन क्षेत्रों में कालाधन पैदा हो रहा है। सरकार को अपने नागरिकों पर भरोसा करना पड़ता है और इसलिए हमेशा उनके लेनदेन पर निगाह रखना ठीक नहीं है। एक कार्यक्रम में जेटली ने कहा, जो लोग कमा रहे हैं उन्हें कर देना चाहिए। भविष्य में किसी भी तरह की बकाया देनदारी पकड़ ली जाएगी।