टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेन्द्र सिंह धोनी अपना 35वां जन्मदिन मना रहे हैं। 7 जुलाई 1981 को जन्मे धौनी भारतीय क्रिकेट के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं हैं। उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को टेस्ट में नंबर एक के पायदान तक पहुंचाया। वनडे वर्ल्ड कप और चैम्पियंस
ट्रॉफी में टीम इंडिया उनकी कप्तानी में ही जीत की दहलीज तक पहुंच पायी। इसके अलावा टी-20 वर्ल्ड कप भी जिताया। धौनी के 12 साल के करियर में उन्होंने विकेटकीपर, बल्लेबाज और कप्तान के तौर पर तमाम रिकॉर्ड्स बनाए हैं। लेकिन कुछ ऐसे रिकॉर्ड्स हैं, जिन्हें तोड़ पाना फिलहाल किसी के बस में नहीं लगता।
शुरुआती दिनों में 1997 में अपने स्कूल की तरफ से माही और उनके साथी शब्बीर हुसैन ने 373 रन बनाए। माही ने 213 रन की पारी खेली। 16 साल का लड़का बड़े शॉट्स के लिए शहर में पहचान बनाने लगा था। 1997-98 में माही को अंड16 विनोद मांकड ट्राफी से पहचान मिली।
रांची से निकलकर 20 साल के माही खड़गपुर पहुंचे। रेलवे में टिकट कलेक्टर की नौकरी की और रेलवे की टीम से क्रिकेट खेलते रहे। 2004 में वे टीम इंडिया में थे। अगले साल 2005 में उन्हें टेस्ट कैप मिली। जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2007 में बीसीसीआई ने 26 साल के धोनी को T20 की बागडोर सौंप कर दक्षिण अफ्रीका भेजा, पहले वर्ल्ड टी20 में हिस्सा लेने के लिए। धोनी ने एक ऐसी टीम को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया, जिसने टूर्नामेंट के पहले सिर्फ एक T20 मैच खेला था।
2011 वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में धोनी का हेलीकॉप्टर शॉट्स उनकी कामयाबियों का सबसे बड़ा सुबूत बना। 28 साल बाद भारत दोबारा वर्ल्ड चैंपियन बना। एशिया कप, चैंपियंस ट्रॉफ़ी और टेस्ट में नंबर-1 रैंकिंग। धोनी जल्द ही भारत के सबसे सफल कप्तान बन चुके थे।