नई दिल्ली। सरकार ने दालों का बफर स्टॉक 8 लाख टन से बढ़ाकर 20 लाख टन करने का फैसला किया है। दालों की कीमतों को स्थिर रखने और किसानों को दालों का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से सरकार देश में दालों की खरीद बढ़ाएगी। इसके साथ ही दालों की पर्याप्त सप्लाई रखने के लिए इम्पोर्ट भी किया जाएगा। stock increased pulses
केंद्र ने दालों की कम दाम पर सप्लाई के लिए बफर स्टॉक बनाया था। पिछले कुछ सप्ताह में दालों के रिटेल प्राइसेज गिरे हैं और अभी ये बड़े शहरों में 115-170 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच हैं।
एक आधिकारिक बयान में बताया गया, ‘कैबिनेट कमेटी ऑन इकनॉमिक अफेयर्स ने दालों का बफर स्टॉक बढ़ाकर 20 लाख टन करने के डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के प्रपोजल को मंजूरी दे दी है। बफर स्टॉक डोमेस्टिक प्रोक्योरमेंट और इम्पोर्ट के जरिए बढ़ाया जाएगा।’ इसके लिए जरूरी फंड डिपार्टमेंट की ‘प्राइस स्टेब्लाइजेशन फंड’ स्कीम के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा।
बयान के मुताबिक, ‘इससे दालों की कीमतों को स्थिर रखा जा सकेगा और देश के किसानों को दालों का उत्पादन बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलेगा।’ अतिरिक्त बफर स्टॉक तैयार करने के लिए एफसीआई और नेफेड जैसी सरकारी एजेंसियों के जरिए दालों की खरीदारी की जाएगी। इसके अलावा राज्य सरकारों को भी दालों की खरीदारी के लिए अधिकृत किया जा सकता है।
बफर स्टॉक की जरूरत को पूरा करने के लिए दालों का इम्पोर्ट गवर्नमेंट-टु-गवर्नमेंट कॉन्ट्रैक्ट या सरकारी एजेंसियों के जरिए ग्लोबल मार्केट से खरीदारी के जरिए होगा। देश में दालों का उत्पादन 2015-16 के क्रॉप ईयर (जुलाई-जून) में गिरकर 1.64 करोड़ टन रहा, जो इससे पिछले वर्ष में 1.71 करोड़ टन था। पिछले दो वर्षों में सूखे की वजह से दालों के उत्पादन में कमी दर्ज की गई थी। डोमेस्टिक मार्केट में दालों की पर्याप्त सप्लाई न होने से रिटेल दाम काफी बढ़ गए थे। हालांकि, 2016-17 में दालों का उत्पादन बढ़कर 2 करोड़ टन पर पहुंचने का अनुमान है। इस बार अच्छे मॉनसून, मार्केट में अधिक दामों और मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) में अच्छी बढ़ोतरी जैसे कारणों के चलते किसानों ने दालों का रकबा बढ़ाया है। stock increased pulses