लखनऊ : 72 ऐ खुदा वालो सलाम ऐ कर्बला वालो की सदाओ के साथ आज 10 सफर को ऐतिहासिक आसिफि इमाम बाड़े मे कर्बला के 72 शहीदो की याद मे 72 ताबूतो का जुलूस गं़मज़दा माहौल मे निकाला गया । 72 ताबूत का जुलूस अन्जुमन शब्बिरिया के ज़ेरे इन्तिज़ाम निकाला जाता है।
हर साल 10 सफर को आसिफी इमाम बाड़े मे निकाले जाने वाले 72 मासूमीन के ताबूत के जुलूस मे हज़ारो अकीदतमंद अज़ादारो ने शिरकत कर कर्बला मे शहीद हुए हज़रत इमाम हुसैन अ0स0 व उनके साथियो की याद मे मातम कर उन्हे खिराजे अकीदत पेश की।
जुलूस से पहले आसिफी इमाम बाड़े मे मौलाना तकी रज़ा ने मजलिस पढ़ी जिसमे मौलाना ने कर्बला मे शहीद हुए हज़रत इमाम हुसैन अ0स0 व उनके 71 साथियो की शहादत का मजंर बयान किया तो वहंा मौजूद ग़मज़दा अज़ादार अपनी आॅखो से आॅसू रोक नही पाए। मौलाना तकी रज़ा कर्बला का मंजर बयान कर रहे थे और कर्बला का दर्दनाक मंजर सुन रहे हज़रत इमाम हुसैन अ0स0 के चाहने वाले सिसक सिसक कर रो रो रहे थे। मजलिस के बाद आसिफी इमाम बाड़े के बड़े ग्राउन्ड के अन्दर 72 ताबूत का जुलूस शुरू हुआ ।
जुलूस मे शामिल ताबूत किसके है और उनकी शहादत कैसे हुई ये पूरी मंज़र कशीं कैसर जौनपुरी अज़ादारो को बता रहे थे। 72 ताबूत के जुलूस मे इमाम हुसैन के घोड़े की शबीह के तौर पर ज़ुलजना को शामिल किया गया जिसकी ज़ियारत भी लोगो को कराई गई इसके अलावा जुलूस मे मौला अब्बास का अलम और जनाबे अली असग़र के झूले की भी लोगो ने ज़ियारत की। मान्यता है कि आज यानि 10 सफर के दिन हज़रत इमाम हुसैन की 4 साल की मासूम लाडली बेटी जनाबे सकीना अ0स0 की भी शहादत हुई थी ।
आपको बता दे की हर साल आसिफी इमाम बाड़े मे इसी तरह से 72 ताबूतो का जुलूस निकाला जाता है। जुलूस के अन्त मे अन्जुमन ए शब्बीरिया के सदस्यो ने हज़रत इमाम हुसैन अ0स0 और उनके 71 साथियो की याद मे मातम कर उन्हे याद किया। जुलूस को इमाम बाड़े के बाहर लाने की अनुमति नही है इस लिए जुलूस इमाम बाड़े के अन्दर ही निकाला जाता है। जुलूस के मददे नज़र इमाम बाड़े के बाहर सुरक्षा के भी पुख्ता इन्तिज़ाम किए गए थे पुलिस के आला अफसर पुलिस फोर्स के साथ इमाम बाड़े के बाहर पूरी मुस्तैदी के अपनी डियूटी को अन्जाम दे रहे थे। 72 ताबूत का जुलूस पूरी श्रद्धा और इत्मीनान के साथ शान्तीपूर्ण माहौल मे सम्पन्न हो गया।